Ghar mai chut marne ka mja
Ghar mai chut marne ka mja
हैलो दोस्तों, मेरा शुभम है मेरी उम्र 27 साल है मैं चंडीगढ़ का रहने वाला हु मेरी ये कहानी मेरे घर में ही हुई एक किस्से की है जिसमें मैं अपनी मम्मी के हूसन का दीवाना हो गया और उन्हें चोद बैठा,
तो दोस्तों आपको ज्यादा बोर न करते हुए मैं सीधा कहानी पर आता हु मेरे घर में हम 3 लोग रहते है पापा मम्मी और मैं।
मैं अभी कम्पटीशन की तैयारी कर रहा हु मेरे पापा एक मेडिसिन कंपनी में जॉब करते है और अपने काम की वजह से वह काफी ट्रेवल भी करते है जिसकी वजह से वह मम्मी को टाइम नहीं दे पाते है जिसकी जरुरत शायद हर औरत को होती है।
मम्मी भले ही कुछ नहीं कहती थी मगर उनका दर्द मैं बाद में समझा मेरी मम्मी का नाम रेखा है और उनकी उम्र 44 साल है मगर वह अपनी उम्र से छोटी ही लगती है मम्मी का बदन भरा हुआ है और उनका फिगर 34-36-40 है।
फिगर से आप अंदाज़ा लगा सकते है की उनका बदन कितना आकर्षक है मम्मी को देखकर हमारे आस पड़ोस के अंकल भी अपना लंड सहलाने लगते है यहाँ तक की वह मम्मी को पटाने की कोशिश भी करते है।
मगर मम्मी पापा के लिए पूरी तरह से वफादार है उन्होंने आज तक कभी किसी को अपने पास तक आने नहीं दिया मम्मी जयादातर सूट ही पहनती है और किसी फंक्शन या शादी में जाना हो तो उसमें वह साड़ी पहन के जाती है।
सूट में मम्मी का बदन एक दम कसा हुआ दिखता है उनकी चूचिया एक दम तनी हुई दिखती है और मम्मी की सलवार उनकी गांड में फसी हुई साफ़ दिखाई देती है।
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जिसेGhar mai chut marne ka mja देखकर बहार वालों का खुद मेरा मन करता है की उनकी सलवार को फाड़ दू और अपना लंड सीधा उनकी गांड में डाल दू मगर ये सब इतना आसान कहा होता है इसीलिए मैं भी कुछ नहीं कर पाया था।
मगर कहते है न की जो चीज किस्मत में होती है वह मिली ही जाती है वैसे ही मेरे साथ भी हुआ मैं भी शुरू में इन्सेस्ट नहीं था मगर जब मैंने पोर्न देखना शुरू किया तब मुझे उसमें सिर्फ बड़ी उम्र की औरतो की वीडियो ही अच्छी लगती थी और उसमें भी सबसे जयादा मुझे माँ बेटे की वीडियो ही पसंद आती थी।
मैं लगभग सारी माँ बेटे की वीडियो देखता था मुझे इसमें एक अलग सा मज़ा आता था क्युकी इसमें जो औरते होती हैउनके बड़ी बड़ी चूचिया और मोटी गांड बिलकुल मेरी मम्मी की जैसे होती है और कहते है न की अगर आप किसी चीज को जयादा देखो तो वह आपके दिमाग पर चढ़ जाती है।
मेरे साथ भी वैसे ही हुआ वीडियो देख देखकर मुझे भी अपनी मम्मी की बड़ी बड़ी चूचिया और उनकी मोटी गांड दिखाई देने लगी।
पहले मैं ये सब नहीं देखता था मगर जब से मैं माँ बेटे की वीडियो देखने लगा था तब से मुझे वह हर चीज दिखाई देने लगी जो मैं पहले देखकर भी अनदेखा कर देता था अब मेरा ध्यान मम्मी के बदन पर ही रहता था जब मैंने मम्मी को ऐसे देखना शुरू किया।
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तब मेरा लंड मम्मी को देखकर खड़ा होने लगा मम्मी की बड़ी बड़ी और तनी हुई चूचिया मेरे लंड को पागल कर देती थी जब मेरी नज़र मम्मी की गोल और मोटी गांड पर जाती थी।
तो मन करता था की अपना मुँह मम्मी की गांड में ही घुसा दू और सारा दिन उसे चाटता रहु अब मैं मम्मी को देख देखकर अपना लंड हिलाने लगा था।
सच में दोस्तों मम्मी का नाम लेते ही लंड इतना टाइट हो जाता था जितना वह वीडियो देखकर भी नहीं होता था।
फिर ऐसे ही एक दिन मेरी नज़र मम्मी की ब्रा पेंटी पर पड़ी जो बाथरूम में टंगी हुई थी वैसे तो मम्मी की ब्रा पेंटी मैंने पहली भी टंगी हुई देखि थी मगर तब मैं उन्हें सिर्फ मम्मी की नज़र से देखता था
मगर अब मैं उनकी जवानी को भोगना चाहता था उनके बदन के एक एक अंग को चाटना चाहता था उनकी चुत से निकलते कॉमर्स को पीना चाहता था।
इसीलिए जब उस दिन मुझे मम्मी की ब्रा पेंटी दिखी तो मैंने उन्हें उठा लिया और उनकी ब्रा को हाथ में लेके महसूस करने लगा की मेरी मम्मी की बड़ी बड़ी चूचिया इसी में दिन भर कैद रहती है मम्मी की ब्रा को हाथ में लेके मैंने आँखे बंद कर ली मुझे ऐसा लगने लगा की मैं मम्मी की चूचिया मसल रहा हु और उन्हें अपने हाथो से दबा रहा हु।
इस ख्याल भर से ही मेरा लंड खड़ा हो गया और मेरे लोअर में तम्बू बन गया सच में दोस्तों मम्मी के नाम से ही लंड इतना टाइट हो जाता है जितना शायद विग्रा की गोली भी न कर पाए।
मैंने अपना लंड बहार निकाल लिया फिर मैंने मम्मी की पेंटी ली और उसे चुत वाले हिस्से से नाक पर लगाके सूंघने लगा, मेरी नाक में मम्मी की चुत की महक जाने लगी सच में दोस्तों ये दुनिया की सबसे अच्छी महक है जिसका मुक़ाबला शायद कोई परफ्यूम नहीं कर सकता है।
जिन लोगो ने कभी अपनी मम्मी की पेंटी को सुंघा है वह लोग इस बात को बहुत अच्छी तरह समझ सकते है मैं मम्मी की पेंटी सूंघते हुए अपना लंड हिलाने लगा और कुछ ही देर में मेरे लंड से पानी की मोटी मोटी धार निकली और मैं जन्नत की सैर करके आ गया।
मुझे तो यकीं ही नहीं हो रहा था की इतना पानी मेरे लंड से निकला है अपनी गर्लफ्रेंड को चोदते हुए भी इतना पानी कभी नहीं निकला जितना सिर्फ मम्मी की पेंटी सूंघते हुए निकला था पानी निकलने के बाद भी मेरा लंड छोटा नहीं हुआ था।
ऐसा शायद मम्मी की चुत की महक की वजह से ही हुआ था उस दिन मैंने मम्मी की पेंटी चुरा ली और उसे अपने कमरे में छुपा के रख लिया और लगभग हर रोज मैं उसे सूंघ के अपना लंड हिलाने लगा।
जब से मैं मम्मी पर ध्यान देने लगा तब मुझे पता चला की मम्मी अंदर से कितनी अकेली है वह भले कुछ कहती नहीं है मगर जब आप किसी पर सच में ध्यान दो तो आप समझ जाओगे की वह इंसान अंदर से कैसा है मम्मी पर ध्यान देने से मैंने उन्हें कई बार नंगा भी देखा वैसे तो मैं पहले भी उन्हें नंगा देख चूका हु।
जब वह कमरे में कपडे बदल रही होती थी और मैं अचानक से कमरे में घुस जाता था मगर तब मैं अपनी नज़र घुमा लेता था और मम्मी को सॉरी बोलके बहार निकल आता था और मम्मी ने भी मुझे कभी इस हरकत के लिए कुछ नहीं कहा क्युकी ये जयादातर हर घर में हो जाता है मगर जब इस बार मेरे साथ ऐसा हुआ तो मुझसे पहले मेरा लंड मम्मी के आगे खड़ा हो गया।
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तभी मैं टॉयलेट करने बाथरूम की तरफ जाने लगा और जैसे ही मैं बाथरूम के पास गया तो मैंने देखा मम्मी बाथरूम के अंदर थी और वह एक दम नंगी थी।
मम्मी को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे स्वर्ग की अप्सरा बिना कपड़ो के धरती पर उतर आयी हो मम्मी शायद नाहा के हटी थी और वह अपने कपडे पहन रही थी।
इसीलिए शायद उन्होंने गेट खोल दिया था क्युकी उन्हें किसी का डर नहीं था मगर उस थोड़े से खुले गेट में से भी मुझे सब दिख रहा था।
मम्मी का गोरा और चिकना बदन देखकर मेरा लंड खड़ा होके उन्हें सलामी देने लगा था मम्मी की बड़ी बड़ी और गोरी चूचिया लटक रही थी और उनके निप्पल खड़े हुए थे मम्मी काली ब्रा पहन रही थी और उन्होंने पहले ब्रा का हुक लगाया।
फिर हुक वाले हिस्से को पीछे करके उन्होंने ब्रा को अपनी चूचियों पर चढ़ा लिया काली ब्रा के अंदर मम्मी की चूचिया क़हर धाह रही थी।
फिर मम्मी ने अपनी दोनों चूचियों को पकड़ के ब्रा के अंदर ठीक किया फिर उन्होंने पेंटी उठायी और नीचे झुक के पेंटी के दोनों होल में पैर डालने लगी मम्मी की गोरी और मोटी गांड देखकर मैं पागल हो रहा था और मेरा मन कर रहा था की अभी अंदर घुस जाऊ और सीधा जाके मम्मी की गांड में अपना मुँह घुसा दू और जी भर के उनकी गांड को चाटू मगर मैं ऐसा कर नहीं सकता था।
इसीलिए कुछ देर देखने के बाद मैं वहा से अपने कमरे में आ गया और यही सोचने लगा की मम्मी को कैसे हासिल करू तब मुझे ऐसे ही एक दिन sex stories के बारे में पता चला और उस दिन मैंने www.sexkhaniyan.online साइट पर माँ बेटे की स्टोरी पढ़ी ।
जिसे पढ़ने के बाद मेरा मम्मी को चोदने का और भी जयादा मन होने लगा कहानी पढ़ने के बाद मैं एक चीज तो समझ गया था की औरत चाहे कोई भी हो उसे भी एक साथी की जरुरत होती है।
जब उसे ये साथ अपने पति से नहीं मिलता है तो वह इसी प्यार के लिए बहार जाती है मम्मी भी अकेली थी और उन्हें किसी के साथ की जरुरत थी क्युकी पापा तो हफ्ते में 2 बार बहार जाते ही थे।
मैं हलके हलके मम्मी के साथ टाइम बिताने लगा और इसकी शुरुवात मैंने उनका हाथ बाटने से की, उस दिन मम्मी किटी पार्टी में जा रही थी और वह दिखने मैं बहुत हसीं लग रही थी।
मम्मी ने पिंक साड़ी और ब्लाउज पहना था मम्मी के ब्लाउज के अंदर उनकी काली ब्रा साफ़ दिख रही थी और उनकी बलखाती कमर और उनकी गोल गहरी नाभि किसी का भी लंड खड़ा करने के लिए काफी थी।
मैं बहार वालो का क्या कहु खुद मेरा लंड उन्हें देखकर खड़ा हो गया था मम्मी जाते जाते मुझसे बोली:
मम्मी: बेटा अगर तुम्हे भूख लगे तो कुछ मंगवा लेना वैसे मैं 1 या 2 बजे तक आ जाउंगी।
मैं : अरे नहीं मम्मी मुझे भूख नहीं लग रही है आप पहले हो आओ फिर साथ में खाना खाते है मम्मी ने मेरे गाल पर किश किया।
फिर वह बहार निकल गयी मम्मी की किटी पार्टी मोहल्ले वालों के साथ ही होती थी मम्मी के जाते ही मैं अपने कमरे में आ गया और इस पर माँ बेटे की कहानी पढ़ने लगा।
कुछ देर कहानी पढ़ने के बाद मैं किचन में आ गया और मम्मी के लिए क्रीमी पास्ता बनाने लगा क्युकी वह मम्मी को बहुत पसंद है और हर मदर’स डे पर मैं वह मम्मी के लिए जरूर बनता हु।
मैं जनता था मम्मी आने ही वाली है और उससे पहले मैंने उनके लिए पास्ता बना दिया फिर मम्मी का इंतज़ार करने लगा कुछ ही देर बाद मम्मी भी आ गयी और मम्मी को देखते ही मेरा लंड उन्हें फिर सलामी देने लगा।
मम्मी अंदर आयी और मैं तुरंत उनके लिए पानी लेके आया मम्मी मुझे ही देख रही थी फिर वह पानी पीने लगी पानी पीने के बाद वह बोली:
मम्मी: बेटा तुझे भूख तो नहीं लगी।
मैं: अरे नहीं मम्मी मुझे भूख नहीं लगी मैं तो बस पढ़ाई कर रहा था।
मम्मी: बेटा बस थोड़ी देर रुक जा मैं अभी खाना बनाती हु।
मैं: ठीक है मम्मी, मैंने उन्हें बताया नहीं था की मैंने उनका फेवरेट पास्ता बनाया है मम्मी अपने कमरे में चली गयी और कपडे बदलने लगी मैं भी चुप चाप कमरे के पास गया मगर इस बार उन्होंने दरवाजा बंद किया हुआ था इसीलिए मुझे कुछ दिखाई नहीं दिया कुछ देर बाद मम्मी बहार आ गयी और वह सीधा किचन में चली गयी और मैं भी उनके पीछे किचन में चला गया।
मम्मी किचन में बर्तन खोल के देखने लगी और जैसे ही उनकी नज़र पास्ता पर गयी मम्मी के चेरे पर एक स्माइल आ गयी और उन्होंने किचन के दरवाजे के पास देखा जहा मैं खड़ा उन्हें देखकर स्माइल कर रहा था।
मम्मी और मेरी नज़रे मिली फिर मैं मम्मी के पास गया और उन्हें पीछे से जाके पकड़ लिया मेरे दोनों हाथ अब मम्मी की कमर पर थे और मेरा लंड मम्मी की गांड में लग चूका था।
मम्मी: बेटा ये पास्ता तूने कब बनाया (मेरे गालो पर हाथ फेरते हुए)।
मैं: बस मम्मी आपके आने से पहले ही बना दिया मैंने सोचा आप आओगी फिर कपडे बगल के खाना बनाओगी, इससे अच्छा है आज मैं अपनी मम्मी की फेवरेट चीज बना देता हु।
मम्मी: ओह्ह हूँ क्या बात है? आज बड़ा प्यार आ रहा है अपनी मम्मी पर आज तो मदर’स डे भी नहीं है।
मैं: मम्मी मैं तो हमेशा ही आपको बहुत प्यार करता हु और आपकी फेवरेट चीज बनाने के लिए मैं मदर’स डे का इंतज़ार थोड़ी करूँगा।
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ये बात बोलके मैंने मम्मी की पीठ पर किश कर दिया और आज मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं मम्मी का बेटा नहीं बल्कि उनका पति हु।
मैं मम्मी को पकडे हुए खड़ा रहा फिर कुछ देर बाद मम्मी बोली:
मम्मी: चल अब छोड़ मुझे मैं पास्ता निकालती हु फिर दोनों कहते है फिर मैंने मम्मी को छोड़ दिया और वह पास्ता निकालने लगी।फिर हम दोनों पास्ता खाने लगे।
मैं: मम्मी कैसा बना है?
मम्मी: बहुत अच्छा बना है बेटा सच बताऊ आज मेरा दिल पास्ता खाने का ही कर रहा था।
मैं: इसीलिए तो बनाया है मम्मी वह आपने सोचा और यहाँ मुझे पता चल गया, मम्मी मेरी बात सुनके हसने लगी फिर पास्ता खाने के बाद वह अपने कमरे में चली गयी और जाके सो गयी।
मैं भी अपने कमरे में आके मोबाइल चलाने लगा और शाम को फिर हम दोनों ने चाय पि, चाय पीने के बाद मम्मी अपने काम में लग गयी फिर पापा भी आ गए फिर रात को हम सबने खाना खाया फिर हम लोग सो गए अगली सुबह जब मेरी आँख खुली तो पापा जा चुके थे।
फिर मैं भी फ्रेश हो गया और नास्ता करने लगा मम्मी अभी भी एक नाइटी पहनी हुई थी जिसमें वह बहुत खूबसूरत लग रही थी नास्ता करने के बाद मैंने मम्मी के गाल पर एक किश किया
फिर मैं क्लासेज चला गया 2 बजे मैं क्लासेज से वापस आया और वापस आके फिर मैंने और मम्मी ने खाना खाया फिर मैं मम्मी के कमरे में उनके पास बैठ गया।
मम्मी अपने सीरियल देख रही थी और मैं मोबाइल चला रहा था कुछ देर बाद मैं वही मम्मी के बेड पर लेट गया और मेरी आँख लग गयी लगभग 1 या 2 घंटे बाद मेरी आँख खुली तो मेरी पहली नज़र मम्मी की गांड पर गयी मैंने देखा मम्मी अभी भी सो रही थी और उनका मुँह दूसरी तरफ था।
मम्मी की सलवार में उनकी गांड उठी हुई दिख रही थी मेरा लंड तो गांड देखते ही खड़ा हो गया मन तो कर रहा था की उनकी गांड को अपने हाथ से पकड़ के दबा दू मगर इतनी हिम्मत अभी नहीं आयी थी की मैं डायरेक्ट ऐसा कर सकू।
मैं लगभग 15 से 20 -मिनट तक मम्मी की गांड ही देखता रहा फिर मम्मी मेरी तरफ पलट गयी और तभी मैं सीधा लेट गया और अपनी आँखे बंद कर ली मगर मेरा लंड तो अभी भी खड़ा हुआ था।
जो मेरे कच्छे के उभर में साफ़ दिख रहा था मैंने देखा करवट लेके मम्मी उठ गयी फिर उन्होंने उबासी के साथ साथ अंगड़ाई ली और मेरी तरफ देखा मम्मी ने मेरे सर पर हाथ फेरा फिर वह सीधी बैठ गयी और तभी उनकी नज़र मेरे कच्छे के उभर पर गयी जिससे साफ़ पता चल रहा था की मेरा लंड खड़ा हुआ है मेरे लंड के उभर को देककर मम्मी ने मेरी तरफ देखा मगर मैं तो सोने का नाटक कर रहा था।
मेरी तरफ देखने के बाद मम्मी फिर से मेरे लंड के उभर को देखने लगी और मैंने मम्मी के सामने ही अपना लंड पकड़ के मसल दिया ऐसा करते ही मम्मी ने मेरी तरफ देखा और मैं सोने का नाटक करता रहा मम्मी मुझे और मेरे लंड को ही देख रही थी।
फिर वह बहार निकल गयी फिर 10-मिनट बाद मैं भी उठ गया और कमरे के बहार आ गया और सीधा किचन में चला गया , वह मम्मी चाय बना रही थी मगर वह बड़ी ध्यान से चाय को देख रही थी उन्हें देखने से लग रहा था जैसे वह किसी सोच में डूबी हुई है।
मैं मम्मी के पीछे चला गया और उन्हें इस बात की खबर तक नहीं हुई मैंने जैसे ही अपने हाथ मम्मी की कमर में डाले वह एक दम से चौक गयी और मैंने उनकी कमर को पकड़ लिया।
मैं :क्या हुआ मम्मी आप डर क्यों गयी?
मम्मी : अरे तूने भी तो एक दम से आके पकड़ लिया मैं कुछ सोच रही थी इसीलिए चौक गयी मेरा लंड अभी भी खड़ा हुआ था और मैं उसे मम्मी की गांड पर रगड़ रहा था और शायद इस बार मम्मी को मेरे लंड का अहसास जल्दी ही मिल गया और वह बोली
मम्मी: चल अब छोड़ मुझे और बहार जाके बैठ मैं चाय लेके आती हु फिर मैं मम्मी को छोड़ के बहार आ गया और हम दोनों चाय पीने लगे चाय पीते पीते मैंने देखा मम्मी मेरे कच्चे की तरफ भी देख रही थी जहा पहले मेरे लंड का उभर दिख रहा था।
मगर अब मैं टॉयलेट करके आ गया इसीलिए मेरा लंड शांत हो गया था चाय पीने के बाद मम्मी अपने काम में लग गयी और मैं अपने काम में लग गया फिर रात होते ही पापा आ गए और उसके बाद हम लोग खाना खाके सो गए वैसे भी पापा के रहते जयादा कुछ हो नहीं सकता था इसीलिए मैं भी कोशिश नहीं करता था और अगले दिन भी सुबह वही सब हुआ और मैं क्लासेज चला गया क्लासेज से वापस आने के बाद मैं मम्मी के साथ टाइम बिताने लगा।
फिर शाम को किचन में मैंने मम्मी को फिर से पकड़ लिया और उनसे मज़े लेने लगा फिर हम दोनों चाय पीने लगे।
मम्मी: बेटा रात को क्या बनाऊ क्या खायेगा तू? वैसे भी तेरे पापा तो आज आएंगे नहीं।
मैं :अच्छा आज पापा फिर से बहार गए है।
मम्मी: हा बेटा इसीलिए तुझसे पूछ रही हु क्या खायेगा तो वही बना देती हु?
मैं: मम्मी अब पापा तो आएंगे नहीं तो आज रात मूवी देखने चलते है फिर कुछ हल्का फुल्का खा लेंगे।
मम्मी : बेटा रात में मूवी देखने जायेंगे जयादा लेट नहीं हो जायेगा और तेरे पापा भी नहीं है।
मैं: अरे मम्मी इसमें डरने की क्या बात है? मैं हु न आपके साथ।
मम्मी: चल ठीक है बेटा टिकट बुक कर ले फिर आके कुछ हल्का फुल्का खा लेंगे।
मैं; मम्मी आज रात मैं आपको एक स्पेशल चीज बनाके खिलाऊंगा।
मम्मी :अच्छा आज क्या खिलाने वाला है?
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मैं: मम्मी वह तो सीक्रेट है रात को ही पता चलेगा, मम्मी अपना सीरियल देखने लगी और मैंने रात की 2 टिकट बुक कर दी हमारा शो रात के 8.30 बजे का था 7.30 बजे मम्मी तैयार होने लगी और मैं उनसे पहले ही तैयार हो गया और जाके मम्मी को देखने लगा।
आज मेरा लकी दिन था इसीलिए शायद मम्मी ने भी गेट को बंद नहीं किया था मम्मी ने अपने कपडे निकाल के बेड पर रखे हुए थे।
फिर मम्मी ने अपने ऊपर की कुर्ती निकल दी और कुर्ती निकलते ही सफ़ेद ब्रा दिखने लगी, मम्मी का गोरा बदन और उनकी चूचिया सफ़ेद ब्रा में कैद थी मम्मी की चूचिया एक दम तनी हुई दिख रही थी और मेरा लंड उन्हें ऐसे देखकर खड़ा हो चूका था।
मम्मी का मुँह दूसरी तरफ था इसीलिए मैं आराम से उन्हें देख रहा था अपनी कुर्ती निकालने के बाद मम्मी अपनी सलवार निकालने लगी मम्मी ने अपनी सलवार का नाडा खोला और उनकी सलवार एक दम से नीचे आ गयी।
मम्मी ने अंदर लाल और सफ़ेद लाइन की शेप वाली पेंटी पहनी थी जो मम्मी की गांड पर बहुत अच्छी लग रही थी।
मैं बहार खड़ा खड़ा अपना लंड सेहला रहा था फिर मम्मी ने बेड पर रखे नए कपडे पहन लिए और मैं तुरंत अपने कमरे में आ गया मेरा लंड बहुत जयादा टाइट हो गया था और अपने कमरे में आते ही मैंने अपनी पेण्ट और अंडरवियर नीचे कर दिए और मेरा लंड कूद के बहार आ गया।
मैं अपना लंड सहलाने लगा तभी मेरे दिमाग में एक आईडिया आया मैंने सोचा क्यों न आज मम्मी को अपना लंड दिखाया जाये ये ख्याल आते ही मेरा लंड और जयादा टाइट हो गया।
मैं अपने कमरे के दरवाजे के पास जाके खड़ा हो गया और मम्मी का इंतजार करने लगा, कुछ देर इंतज़ार करने के बाद मुझे मम्मी आती दिखी और मैंने अपना गेट हलके से बंद कर दिया।
ताकि कोई आवाज न आये और अपना लंड खड़ा करके पूरी तरह से तैयार हो गया और अगले ही पल मेरे कमरे के गेट खुला,
मम्मी : बेटा तुम तयाँआ…मम्मी के मुँह से निकलते शब्द एक दम से बंद हो गए और उनकी नज़र मेरे खड़े 9-इंच के लंड पर ठहर गयी।
जिसका सूपड़ा पूरा खुला हुआ था मैंने भी एक दम से झटका खाने की एक्टिंग की और मम्मी,
मम्मी : सॉरी सॉरी सॉरी बेटा मम्मी सॉरी सॉरी बोलते बोलते बहार निकल गयी और उन्होंने दरवाजा भी बंद कर दिया, मम्मी ने मेरे पुरे लंड को अच्छे से देखा लगभग 5 या 6 सेकंड के लिए तो उनकी भी नज़र मेरे लंड पर ही ठहर गयी थी।
कुछ देर बाद मैं अपने कमरे के बहार आ गया तब मम्मी बहार सोफे पर बैठी थी और जैसे ही उनकी नज़र मुझसे मिली तब मम्मी बोली:
मम्मी: बेटा कम से कम गेट तो बंद कर लिया कर,
मैं: अरे मम्मी मुझे क्या मालूम था? जब मैं अपने कपडे ठीक कर रहा होगा तभी आप आ जाओगे।
मम्मी: सॉरी बेटा गलती मेरी ही है मुझे एक दम से ऐसे नहीं आना चाहिए था
मैं: मम्मी आप सॉरी मत बोलो मैं भी तो कई बार आपके कमरे में आ जाता हु और तब आप कपडे बदल रहे होते हो मगर अपने आज तक मुझे कुछ नहीं कहा वैसे भी मम्मी अपने तो मुझे बचपन से देखा है।
मम्मी : है है है बदमाश तब तू छोटा था अब तू छोटा थोड़ी है।
मैं: अरे मम्मी ये सब इतनी बड़ी बात नहीं है अब मूवी देखने चले वरना हम लोग लेट हो जायेंगे।
फिर मैं और मम्मी घर लॉक करके बहार आ गया मैंने अपनी बाइक निकाली फिर हम मूवी जाने के लिए निकल पड़े मम्मी मुझसे चिपक के बैठी थी और उनकी चूचिया मेरी पीठ पर दबी हुई थी।
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जब कभी मैं ट्रैफिक की वजह से ब्रेक लगता तो मम्मी की चूचिया मेरी पीठ पर दब जाती आस पास के लोग मुझे और मम्मी को ही देख रहे थे क्युकी मम्मी बहुत खूबसूरत लग रही थीऔर सब को यही लग रहा था.
की शायद वह मेरी गर्लफ्रेंड है या मेरी कोई सेटिंग है कुछ देर बाद हम लोग मॉल आ गए और वहा भी लोग हमें ही देख रहे थे मैंने भी मम्मी का हाथ अपने हाथो में ले लिया.
तो दोस्तो मैंने फिर कैसे माँ को चोदा ये मैं आपको अगले भाग मे बतऔगा।
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